Problem Regarding Building
पक्ष शिकायत कर्ता –
मनोज साहू (स्वयं) ४२ वर्ष, मनीषा साहू (पत्नी) ४० वर्ष, २ बच्चे: मीत साहू १७ वर्ष , मंत्र साहू ११ वर्ष
फ्लैट मालिक २०२ – देवांश अपार्टमेंट, इंदौर
Complain Raised
on date
- सी एम हेल्पलाइन शिकायत – ONLINE PORTAL
- नगर निगम इंदौर
- क्षेत्रीय पुलिस थाना विजयनगर इंदौर
- क्षेत्रीय एस पी कार्यालय पलासिया
- नगर निगम इंदौर शिकायत – ONLINE PORTAL
- कलेक्टर कार्यालय
- कलेक्टर कार्यालय जनसुनवाई – मंगलवार
Problem?
- लिफ्ट में कब्ज़ा
- छत में अवैध निर्माण
- छत में कब्ज़ा – छत में जुम्बा कॉल डांस क्लास
- छत – पानी की टंकी में कब्ज़ा
- नीचे बेसमेंट में कब्ज़ा
- कॉमन कार पार्किंग G फ्लोर
- G फ्लोर में कबाड़ का स्टोरेज
- रात में ऊपर छत में जोर जोर से कूदना और छत में भारी वस्तु पटकना
- बिल्डिंग मेंटेनन्स – मनमर्जी से वसूली और एकतरफा राज
7 – रात में ऊपर छत में जोर जोर से कूदना और छत में भारी वस्तु पटकना
धमकी देकर हमें घर छोड़ने में मजबूर किया जा रहा है रात में ऊपर छत में जोर जोर से कूदना और छत में भारी वस्तु पटकना,
विपक्ष को पता है की रात (मध्य -रात्रि / या सुबह सुबह / समय फिक्स नहीं होता ) में कूदने से नीचे परेशान होंगे, जिससे ये लोग घर छोड़ने में जल्दी मजबूर होंगे।
ऐसा पिछले वर्षो से (जब से चोरी और कब्ज़ा की शिकायत किया है ) कई बार शिकायत के बाद भी हल्ला होते रहता है।
मेरे द्वारा कई बार थाने में ध्वनि प्रदूषण की शिकायत भी की गयी। तत्काल पुलिस भी ३ – ४ बार बुलाया गया परन्तु विपक्ष का नाम या गुंडाराज है जो आज तक उस पपर कार्यवाही नहीं हुई। उल्टा, पुलिस से हमें हिदायत दी गयी “आप की भी शिकायत है छेड़छाड़ की”
नीचे लगे कैमरे की रिकॉर्डिंग
बिल्डिंग मेंटेनन्स पालिसी – कभी ईमानदारी से नहीं बनायीं गयी
1 – लिफ्ट में कब्ज़ा
ऊपर लिफ्ट अटका दिया जाता है ऊपर जाने पर झूटी शिकायत छेड़छाड़ और बुरी नियत की लगायी जाती है, सीढ़ी में लगा कैमरा से फोटो लेकर झूठा आरोप लगाते है “हमारे घर में घुसा”
3 -छत में कब्ज़ा – छत में जुम्बा कॉल डांस क्लास
4- छत – पानी की टंकी में कब्ज़ा
छत में ऊपर पानी टंकी कॉमन (उसमे बीच में से दीवाल कड़ी कर के दो भाग कर लिया गया, एक (भाग -ए) पूरा पर्सनल नल कनेक्शन विपक्ष उपयोग करता है, भाग – बी जिसमे सारे फ्लैट वाले दुकानदार, चौकीदार पार्किंग में लगा नल उपयोग होता है)
दावा : गलती पकड़ने के बाद दावा किया जाता है की वो टंकी पहले से ही बिल्डर ने बनाया है। सच्चाई – (According to Paper) पानी की टंकी कॉमन एक है व स्वतन्त्र है। विपक्ष की रजिस्ट्री में कोई हक़ नहीं है वह स्वतन्त्र पानी की टंकी है ।
4 – नीचे बेसमेंट में कब्ज़ा
कार पार्किंग (डांस क्लास और किड्स एक्टिविटी व्यापार चलता है)
सच्चाई – जबकि विपक्ष की रजिस्ट्री में कोई पूरा मालिकाना हक़ नहीं है वह स्वतन्त्र जगह है
नीचे बेसमेंट – पानी की टंकी में कब्ज़ा
- सभी बिल्डिंग वालो का स्वतन्त्र रास्ता है नीचे नर्मदा लाइन है (जो अब २०२३ विवाद के बाद विपक्ष हटवा दिया गया) पानी की टंकी और मोटर लगी हुई है
- विपक्ष की कार पार्किंग जगह है और बाकि रास्ता और टंकी मोटर स्वतन्त्र है व् सभी की उपयोग की है!
- विपक्ष दवा करता है की हम उस नीचे बेसमेंट पार्किंग व् अन्य जगह का नगर निगम टैक्स भरते है। हमारे पास रशीद है।
- सच्चाई – जबकि विपक्ष की रजिस्ट्री में कोई पूरा मालिकाना हक़ नहीं है वह स्वतन्त्र जगह है
विवाद कैसे शुरू हुआ
समस्या की शुरुआत
चौकीदार को बिजली मीटर से चोरी करते पकड़ा। पिछले कई माह से मेरे बिजली के बिल बढ़ कर आ रहे थे जिसका कोई कारण नहीं था बस एक बार और भी दुकानदार जो की बिल्डिंग के ही थे उन्होंने चोरी पकड़ी भी थी और लड़ाई भी किया था चेतावनी भी दिया था , जो की कॉमन मीटर में अग्रवाल फॅमिली के वायर जोड़ता था प्रतिदिन। पकड़ने पर रिकॉर्डिंग है बात-चीत की.
दोनों बिजली चोरी में शामिल : संजय चौकीदार और अंकुर.
(संजय (सिक्योरिटी गार्ड)- जो की उन्ही के घर का नौकर है और उन्ही के कहने से ही रखा गया है!
किन शर्तो पर समझौता हुआ ?
पक्ष शिकायत कर्ता – क्या चाहते है ?
विपक्ष –
कैलाश अग्रवाल – जानकारी अनुसार
निधि अग्रवाल
अंकुर (पडोसी के अनुसार दूसरा पति है या बॉयफ्रेंड, कन्फर्म नहीं है )
कैलाश जिसका फ्लैट ३०१ – ३०२ है और छत में बना १ सर्विस रूम है जो यंहा नहीं रहता है, उसकी बेटी निधि और एक लड़का (अंकुर) दोनों रहते है
विपक्ष की गुंडागर्दी और दावा है!
- तुझे यंहा रहने नहीं देंगे।
- झूठे केस में लड़ते रेहना।
- शिकायत किया तो पछतायेगा। तेरे परिवार का और तेरा जीना मुश्किल कर दूंगी।
- “कहा तक जायेगा शिकायत करने, मेरे परिवार के सब दोस्त है” नेताओ से दोस्ती, विजयवर्गीय परिवार, मेंदोला जी (विधायक) के नाम पर धमकी दी जाती है।
- “पुलिस थाने में, निगम में सभी जगह मेरे रिश्तेदार ही नौकरी करते है, नेताओ से नहीं डरेगा तो किससे डरेगा।“
मुझ में आरोप
- मै मेंटेनन्स नहीं देता हु
- मै उनकी लड़की और स्त्रियों को छेड़ता हु
- में पूरी बिल्डिंग गन्दा रखता हु
SDM Court Experience
कलेक्टर से जनसुनवाई
जनसुनवाई से SDM तक
SDM (अंकुश खरे) में ३ माह जांच की तसल्ली दी गयी – (पटवारी आएगा, तहसीलदार आएगा, जांच होगी, फिर फैसला होगा।)
उसी SDM के ऑफिस में मुझे विपक्ष के वकील द्वारा मारने पीटने की धमकी और धमकी मिली।
बाप बेटी को एस डी एम के पास भी ३ माह तक बुलाया गया। तारीखे मिलती गयी। मुझ से कई बार बाबू द्वारा रिश्वत मांगी गयी। मामला तारीख के भरोसे रहा।
अंत में ३ माह बाद SDM (अंकुश खरे) द्वारा कहा गया “यह क्षेत्र हमारे अनतरगत नहीं आता है आपका क्षेत्र SDM दूसरा है अगली बार वह जाये तारीख वही से मिलेगी।”
अगले SDM के पास जाने पर कभी तारिख नहीं दी गयी। बाबू द्वारा वही रिश्वत खोरी और नजरो से दरकिनार किया गया। घंटो तक बैठने के बाद भी तारिख नहीं मिली एवं बाबू द्वारा कहा गया फ़ोन से सुचना देने की तसल्ली दे दी जाएगी।
मुझे पुरे ३ माह तक लिफ्ट से, पानी से परेशानी रही हर रोज परेशान होता रहा , और हमारे SDM साहब कहते रहे कल जाँच हो जाएगी मत चिंता करो। सच्चाई : आज तक जाँच नहीं हुई।