अकाल मृत्यु एक गंभीर और चिंताजनक विषय है, और इसके ज्योतिषीय संकेतों को जानकर और उचित निवारण उपाय अपनाकर इससे बचा जा सकता है इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार , कुंडली में कुछ विशेष योग और ग्रह स्थितियाँ अकाल मृत्यु के संकेत देती हैं। आइए जानते हैं, अकाल मृत्यु के ज्योतिष संकेत और उनके निवारण उपाय।
अकाल मृत्यु के ज्योतिष संकेत
- मारक ग्रहों की दशा: ज्योतिष दृष्टि के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मारक ग्रहों (जैसे शनि, मंगल, राहु, केतु) की दशा या अंतरदशा चल रही हो, तो यह अकाल मृत्यु का संकेत हो सकता है। , इन ग्रहों की अशुभ स्थिति व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
- आयु भाव में अशुभ ग्रहों की उपस्थिति: कुंडली के आठवें और बारहवें भाव को आयु भाव कहा जाता है। अगर इन भावों में शनि, मंगल या राहु जैसे अशुभ ग्रह स्थित हों, तो यह अकाल मृत्यु का संकेत हो सकता है। ज्योतिष दृष्टि के अनुसार, ऐसे स्थिति में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
- मृत्यु योग: , अगर कुंडली में मृत्यु योग बने हों, जैसे कि मंगल और राहु का संयोजन या शनि और केतु का संयोजन, तो यह अकाल मृत्यु का संकेत हो सकता है। ज्योतिष दृष्टि के अनुसार, ऐसे योग व्यक्ति के जीवन में अचानक घटनाओं का कारण बन सकते हैं।
- गंडमूल योग: ज्योतिष दृष्टि के अनुसार, गंडमूल योग भी अकाल मृत्यु का संकेत हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति का जन्म गंडमूल नक्षत्र में हुआ हो, तो उसे विशेष उपाय करने की आवश्यकता होती है। मनोज साहू जी के अनुसार, इस योग को शांत करने के लिए विशेष पूजा विधि अपनानी चाहिए।
अकाल मृत्यु के निवारण उपाय
- हनुमान चालीसा का पाठ: , हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से अकाल मृत्यु के खतरे से बचा जा सकता है। हनुमान जी की पूजा और उनकी कृपा से जीवन में आने वाली बाधाओं का निवारण होता है।
- मृत्युंजय मंत्र का जाप: ज्योतिष दृष्टि के अनुसार, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भी अकाल मृत्यु के योग को शांत किया जा सकता है। इस मंत्र का जाप विशेषकर रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए।
- कुंडली में ग्रह दोष निवारण: मनोज साहू जी के अनुसार, कुंडली में उपस्थित ग्रह दोषों का निवारण करने के लिए विशेष उपाय अपनाने चाहिए। जैसे कि शनि की दशा में शनि मंत्र का जाप, मंगल की दशा में मंगल के उपाय, और राहु-केतु की दशा में उनके लिए विशेष पूजा विधि अपनानी चाहिए।
- रुद्राभिषेक: रुद्राभिषेक करने से भी अकाल मृत्यु के खतरे को कम किया जा सकता है। भगवान शिव की विशेष पूजा और अभिषेक करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयों का निवारण होता है।
- दान-पुण्य: मनोज साहू जी के अनुसार, नियमित दान-पुण्य करने से भी अकाल मृत्यु के योग को शांत किया जा सकता है। अनाज, वस्त्र, और अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करने से ग्रह दोषों का निवारण होता है।
- नवग्रह शांति पूजा: ज्योतिष दृष्टि के अनुसार, नवग्रह शांति पूजा करवाने से भी जीवन में शांति और स्थिरता आती है। इस पूजा के माध्यम से नवग्रहों की कृपा प्राप्त होती है और अकाल मृत्यु के खतरे से बचा जा सकता है।
निष्कर्ष
अकाल मृत्यु के ज्योतिषीय संकेतों को समझकर और उचित निवारण उपाय अपनाकर, व्यक्ति अपने जीवन को सुरक्षित और खुशहाल बना सकता है भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार इन उपायों का पालन करने से न केवल अकाल मृत्यु का खतरा टलता है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी बनी रहती है। इसलिए, अपने जीवन को सुरक्षित रखने के लिए इन ज्योतिषीय उपायों को अवश्य अपनाएं।