ज्योतिष शास्त्र में, हर राशि का एक विशेष स्वभाव और चरित्र होता है। कुछ राशियाँ आत्मविश्वासी और निर्णायक होती हैं, जबकि कुछ राशियाँ अक्सर भ्रमित और अनिश्चित रहती हैं। यह भ्रम और अनिश्चितता ग्रहों की स्थिति, राशि के तत्व और अन्य ज्योतिषीय कारकों पर निर्भर करती है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, कुछ राशियाँ स्वभाव से ही अन्य राशियों की तुलना में अधिक कंफ्यूज रहती हैं। आइए, जानते हैं उन राशियों के बारे में जो ज्योतिषीय दृष्टि से सबसे ज्यादा कंफ्यूज रहती हैं।
मिथुन
ज्योतिषीय दृष्टि से मिथुन राशि के जातक बहुत ही चंचल और परिवर्तनशील होते हैं। यह राशि वायु तत्व से जुड़ी होती है और इसका स्वामी ग्रह बुध होता है। बुध ग्रह संचार, बुद्धिमत्ता और तर्कशक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन जब यह कमजोर या अशुभ स्थिति में हो, तो मिथुन राशि के जातकों में अत्यधिक सोचने की प्रवृत्ति होती है। वे एक ही समय में कई विचारों और विकल्पों के बारे में सोचते रहते हैं, जिससे वे अक्सर कंफ्यूज हो जाते हैं।
कर्क
कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा है, जो भावनाओं और मानसिक स्थिति को नियंत्रित करता है। चंद्रमा का प्रभाव जातकों को संवेदनशील और भावुक बनाता है। ज्योतिषीय दृष्टि से जब चंद्रमा की स्थिति अशुभ होती है, तो कर्क राशि के जातक अत्यधिक भावुक हो जाते हैं और किसी भी निर्णय को लेकर असमंजस में रहते हैं। उनके अंदर आत्मविश्वास की कमी होती है और वे बार-बार अपने निर्णयों पर संदेह करते हैं।
तुला
ज्योतिष शास्त्र में, तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है, जो प्रेम, सौंदर्य और सामंजस्य का प्रतीक है। तुला राशि के जातक संतुलन और सामंजस्य की खोज में रहते हैं, लेकिन जब यह संतुलन नहीं मिलता, तो वे कंफ्यूज हो जाते हैं। तुला राशि के जातकों को किसी भी निर्णय पर पहुंचने में कठिनाई होती है क्योंकि वे हर पहलू को तौलते रहते हैं और सही विकल्प चुनने में संकोच करते हैं।
मीन
मीन राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति है, जो ज्ञान और आध्यात्म का प्रतीक है। मीन राशि के जातक स्वभाव से ही कल्पनाशील और संवेदनशील होते हैं। वे अक्सर अपने विचारों और भावनाओं की दुनिया में खोए रहते हैं, जिससे वास्तविक जीवन में निर्णय लेने में कठिनाई होती है। ज्योतिष शास्त्र में, मीन राशि के जातकों में आत्मसंयम की कमी होती है और वे अक्सर अपने लक्ष्य को लेकर भ्रमित रहते हैं।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है, जो ऊर्जा और साहस का प्रतीक है। ज्योतिष शास्त्र में, वृश्चिक राशि के जातक सामान्यतः दृढ़ निश्चयी और साहसी होते हैं, लेकिन जब यह ग्रह अशुभ स्थिति में होता है, तो यह जातकों को अत्यधिक सोचने और किसी भी निर्णय को लेकर संदेह करने की प्रवृत्ति देता है। वृश्चिक राशि के जातक अपने आंतरिक संघर्षों और भावनाओं के कारण कंफ्यूज हो सकते हैं।
ज्योतिषीय उपाय
ज्योतिषीय दृष्टि से, राशियों में भ्रम और अनिश्चितता को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, ये उपाय निम्नलिखित हैं:
मंत्र जाप
- मिथुन राशि के लिए: बुध मंत्र “ॐ बुं बुधाय नमः” का जाप करना लाभकारी होता है।
- कर्क राशि के लिए: चंद्र मंत्र “ॐ सों सोमाय नमः” का जाप करना चाहिए।
- तुला राशि के लिए: शुक्र मंत्र “ॐ शुं शुक्राय नमः” का जाप करना उचित होता है।
- मीन राशि के लिए: बृहस्पति मंत्र “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जाप करना चाहिए।
- वृश्चिक राशि के लिए: मंगल मंत्र “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” का जाप करना लाभकारी होता है।
रत्न धारण
- मिथुन राशि के लिए: पन्ना धारण करना शुभ होता है।
- कर्क राशि के लिए: मोती धारण करना लाभकारी होता है।
- तुला राशि के लिए: हीरा या ओपल धारण करना उचित होता है।
- मीन राशि के लिए: पुखराज धारण करना शुभ होता है।
- वृश्चिक राशि के लिए: मूंगा धारण करना लाभकारी होता है।
ध्यान और योग
ज्योतिष शास्त्र में, ध्यान और योग करने से मन शांत रहता है और व्यक्ति अपने विचारों और भावनाओं को नियंत्रित कर सकता है। नियमित रूप से ध्यान करने से भ्रम और अनिश्चितता को कम किया जा सकता है।
नियमित पूजा और हवन
ज्योतिष शास्त्र में, नियमित पूजा और हवन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे ग्रहों की अशुभता कम होती है और व्यक्ति को निर्णय लेने में सहायता मिलती है।
नियमित रूप से जल अर्पण
प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पण करने से मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ता है। इससे जातक के मानसिक स्थिति में सुधार होता है और कंफ्यूजन कम होती है।
निष्कर्ष
ज्योतिषीय दृष्टि से मिथुन, कर्क, तुला, मीन और वृश्चिक राशियाँ सबसे ज्यादा कंफ्यूज रहती हैं।में, इन राशियों के जातकों में अक्सर निर्णय लेने में कठिनाई होती है और वे अपने विचारों और भावनाओं के कारण असमंजस में रहते हैं। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, ज्योतिषीय उपायों जैसे कि मंत्र जाप, रत्न धारण, ध्यान और योग, नियमित पूजा और हवन, और सूर्य को जल अर्पण करने से इन राशियों के जातक अपने जीवन में निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं और भ्रम और अनिश्चितता को कम कर सकते हैं। हाल ही में हुए गणना के अनुसार, इन उपायों को अपनाकर जातक अपने जीवन को अधिक संतुलित और सुखमय बना सकते हैं।
ज्योतिषी साहू जी |
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