वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो भवनों के निर्माण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित करता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार खेलों के लिए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी वास्तु के सिद्धांतों का पालन करके किया जाना चाहिए। ज्योतिष यदि स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में वास्तु दोष हैं, तो यह न केवल खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकता है, बल्कि खेल परिसर में आने वाले दर्शकों और स्टाफ के लिए भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इस लेख में हम स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के वास्तु दोष और उनके प्रभावों के बारे में चर्चा करेंगे, साथ ही उपायों पर भी ध्यान देंगे।
स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का सही स्थान
उत्तरी और पूर्वी दिशा
स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का स्थान हमेशा उत्तरी या पूर्वी दिशा में होना चाहिए। साहू जी के अनुसार ये दिशाएँ सकारात्मकता और उन्नति का प्रतीक मानी जाती हैं। यदि कॉम्प्लेक्स दक्षिण दिशा में है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकता है।
जमीन का स्तर
जमीन का स्तर भी महत्वपूर्ण होता है। स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को ऊँची जगह पर नहीं बनाना चाहिए। इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सही स्थल का चुनाव करने से कॉम्प्लेक्स का वातावरण सकारात्मक बना रहता है।
मुख्य द्वार और प्रवेश
स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का मुख्य द्वार हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। साहू जी के अनुसार यदि यह दक्षिण दिशा में है, तो इससे नकारात्मकता का प्रभाव बढ़ सकता है। प्रवेश द्वार खुला और विस्तृत होना चाहिए ताकि ऊर्जा का प्रवाह ठीक से हो सके।
द्वार का आकार
मुख्य द्वार का आकार भी महत्वपूर्ण है। यह बड़ा और स्वागत योग्य होना चाहिए। संकीर्ण या छोटी दरवाजे से प्रवेश करने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
खेल सुविधाएँ और उनकी व्यवस्था

खेल का क्षेत्र
खेल का क्षेत्र हमेशा खुला और स्वच्छ होना चाहिए। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार इसे सकारात्मकता से भरा होना चाहिए ताकि खिलाड़ी और दर्शक दोनों को अच्छा अनुभव हो सके। खेल क्षेत्र का निर्माण इस प्रकार किया जाना चाहिए कि खिलाड़ियों को खेलते समय बाधा न आए।
खेल उपकरणों की स्थिति
खेल उपकरणों को सही दिशा में रखना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि उपकरणों की स्थिति सही नहीं है, तो यह खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकता है। उपकरणों को इस प्रकार रखा जाना चाहिए कि उनका उपयोग करना आसान हो।
दर्शक क्षेत्र का वास्तु

दर्शक क्षेत्र का स्थान
दर्शक क्षेत्र का स्थान भी महत्वपूर्ण होता है। इसे हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए। साहू जी के अनुसार इससे दर्शकों को सकारात्मक अनुभव प्राप्त होता है और वे खेल का आनंद अच्छे से ले पाते हैं।
सीटों की व्यवस्था
दर्शक सीटों की व्यवस्था इस प्रकार होनी चाहिए कि सभी दर्शक खेल को अच्छे से देख सकें। भीड़भाड़ वाले स्थानों में दर्शकों का अनुभव नकारात्मक हो सकता है। इसलिए सीटों का स्थान सही होना चाहिए।
फर्नीचर और सजावट
स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में फर्नीचर की स्थिति भी वास्तु के अनुसार होनी चाहिए। फर्नीचर को इस प्रकार रखा जाना चाहिए कि वे खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए आरामदायक हों।
रंग योजना
स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हल्के रंगों का उपयोग करना चाहिए। हल्के रंग सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार करते हैं, जबकि गहरे रंग नकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं।
शौचालय का स्थान
शौचालय का स्थान उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। यदि यह दक्षिण दिशा में है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकता है।
स्वच्छता और साफ-सफाई
स्वच्छता और साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। गंदगी और अव्यवस्था नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करती है, जिससे खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों पर बुरा असर पड़ता है।
प्रबंधन क्षेत्र का वास्तु
साहू जी के अनुसार स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में प्रबंधन कार्यालय का स्थान हमेशा उत्तर दिशा में होना चाहिए। इससे प्रबंधन को अच्छे निर्णय लेने में मदद मिलती है और कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
बैठक कक्ष
बैठक कक्ष को इस प्रकार डिज़ाइन किया जाना चाहिए कि इसमें सकारात्मकता बनी रहे। ज्योतिष के अनुसार इसे हल्के रंगों में सजाना चाहिए और यहाँ फर्नीचर को इस प्रकार रखना चाहिए कि सभी सदस्य आराम से बैठ सकें।
ऊर्जा प्रवाह और वैकल्पिक उपाय
स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में ऊर्जा का प्रवाह सकारात्मक होना चाहिए। साहू जी के अनुसार इसे सुनिश्चित करने के लिए आप पौधों का उपयोग कर सकते हैं। हरे पौधे सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और वातावरण को शुद्ध करते हैं।
वास्तु दोष सुधारने के उपाय
यदि स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में वास्तु दोष हैं, तो निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- मुख्य द्वार का स्थान बदलना: यदि संभव हो तो मुख्य द्वार को उचित दिशा में स्थानांतरित करें।
- ऊर्जा तत्वों का उपयोग: सकारात्मकता बढ़ाने के लिए पानी, अग्नि और हवा के तत्वों का उपयोग करें।
- पौधों का उपयोग: हरे पौधे लगाकर वातावरण को सकारात्मक बनाएं।
- साफ-सफाई: नियमित रूप से सफाई का ध्यान रखें ताकि नकारात्मक ऊर्जा का संचार न हो।
खिलाड़ियों और दर्शकों पर प्रभाव
मानसिक स्वास्थ्य
वास्तु दोष खिलाड़ियों और दर्शकों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकते हैं। नकारात्मकता से चिंता और तनाव बढ़ सकता है, जो प्रदर्शन को प्रभावित करता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
यदि स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में वास्तु दोष हैं, तो यह खिलाड़ियों की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। नियमित रूप से काम करने से बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
दर्शकों का अनुभव

दर्शकों का अनुभव भी वास्तु पर निर्भर करता है। यदि वातावरण सकारात्मक नहीं है, तो दर्शक खेल देखने से कतराते हैं। इससे खेल की लोकप्रियता में कमी आ सकती है।
स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का वास्तु दोष खिलाड़ियों और दर्शकों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण और डिज़ाइन करते समय वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का पालन करना अनिवार्य है। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार इससे न केवल खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतर होगा, बल्कि दर्शकों का अनुभव भी बढ़ेगा। वास्तु के अनुसार सही दिशा और सजावट अपनाकर हम एक सकारात्मक और स्वास्थ्यवर्धक वातावरण बना सकते हैं, जहाँ सभी खिलाड़ी और दर्शक खेल का आनंद उठा सकें।
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