दक्षिण मुखी घर को दुर्भाग्य क्यों माना जाता है - best astrologer in indore madhya pradesh

 दक्षिण मुखी घर को दुर्भाग्य क्यों माना जाता है|

वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार शास्त्र हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं, खासकर जब बात घर की दिशा और उसकी संरचना की होती है। भारतीय संस्कृति में घर की दिशा का विशेष महत्व होता है, और सही दिशा में घर होने से परिवार के सदस्यों का जीवन सुखमय और समृद्ध हो सकता है। परंतु, दक्षिण मुखी घर को अक्सर दुर्भाग्यपूर्ण माना जाता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, इसके पीछे ज्योतिषीय और वास्तु शास्त्रीय कारण होते हैं। आइए जानते हैं कि दक्षिण मुखी घर को दुर्भाग्यपूर्ण क्यों माना जाता है और इसके पीछे के कारण क्या हैं।

सूर्य की दिशा और ऊर्जा

ज्योतिष के अनुसार वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर और पूर्व दिशा को सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। सूर्य उदय से पूर्व दिशा को सबसे शुभ दिशा माना जाता है, क्योंकि यह जीवन में प्रकाश और ऊर्जा का संचार करता है। दूसरी ओर, दक्षिण दिशा में सूर्यास्त होता है और यह दिशा नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है। दक्षिण दिशा में मुख होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश कम होता है और नकारात्मकता बढ़ती है।

यम की दिशा

मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, दक्षिण दिशा को यम, अर्थात मृत्यु के देवता की दिशा माना जाता है। ज्योतिषीय दृष्टि से, यह दिशा अशुभ और दुर्भाग्य का संकेत देती है। दक्षिण मुखी घर में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं, वित्तीय संकट और पारिवारिक कलह का सामना करना पड़ सकता है। इस दिशा की नकारात्मक ऊर्जा के कारण घर के सदस्य मानसिक और शारीरिक तनाव में रह सकते हैं।

अग्नि तत्व का प्रभाव

वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा को अग्नि तत्व से जोड़कर देखा जाता है। यदि घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में होता है, तो यह अग्नि तत्व को प्रबल बनाता है। ज्योतिष के अनुसार इससे घर में तनाव, झगड़े और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। अग्नि तत्व की अधिकता से घर में उग्रता और अशांति का माहौल बन सकता है।

वित्तीय समस्या

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दक्षिण मुखी घर में रहने वाले लोगों को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह दिशा धन की हानि और निवेश में नुकसान का कारण बन सकती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार होने से धन का प्रवाह घर से बाहर हो सकता है, जिससे आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है।

स्वास्थ्य समस्याएं

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दक्षिण मुखी घर में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु दोष के कारण, इन घरों में रहने वाले लोगों को बार-बार बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा, मानसिक तनाव और अवसाद जैसी समस्या भी हो सकती हैं। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए वास्तु और ज्योतिषीय उपाय आवश्यक होते हैं।

वास्तु दोष और निवारण

यदि आप दक्षिण मुखी घर में रहते हैं और इन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो कुछ वास्तु और ज्योतिषीय उपाय अपनाकर इन दोषों को दूर कर सकते हैं। मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, निम्नलिखित उपाय करने से दक्षिण मुखी घर के दोषों को कम किया जा सकता है:

मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह: मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह लगाएं। यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।

.मुख्य द्वार पर तुलसी का पौधा: मुख्य द्वार के पास तुलसी का पौधा लगाएं। यह पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और वास्तु दोष को कम करता है।

मुख्य द्वार के ऊपर गणेश जी की मूर्ति: मुख्य द्वार के ऊपर गणेश जी की मूर्ति या चित्र लगाएं। यह घर में सुख-समृद्धि और शांति लाता है।

रंगों का सही उपयोग: दक्षिण दिशा में लाल और गुलाबी रंग का प्रयोग करें। यह रंग अग्नि तत्व को नियंत्रित करते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं।

धन स्थान का सही दिशा: धन रखने का स्थान उत्तर दिशा में रखें। यह दिशा कुबेर की दिशा मानी जाती है और धन की वृद्धि में सहायक होती है।

मुख्य द्वार पर प्रतीकात्मक चित्र: मुख्य द्वार पर शुभ प्रतीक जैसे कि ऊँ, शुभ-लाभ आदि का चित्र लगाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

 ज्योतिषीय उपाय

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वास्तु दोष के निवारण के लिए ज्योतिष के अनुसार उपाय भी किए जा सकते हैं। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, निम्नलिखित ज्योतिषीय उपाय अपनाने से दक्षिण मुखी घर के दोष कम किए जा सकते हैं:

  1. रत्न धारण : राशि के अनुसार सही रत्न धारण करें। जैसे कि मेष राशि के जातकों के लिए मूंगा और तुला राशि के जातकों के लिए ओपल।
  2. मंत्र जाप : नियमित रूप से गणेश मंत्र, महालक्ष्मी मंत्र, या महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  3. यंत्र स्थापना : वास्तु दोष निवारण के लिए श्री यंत्र, वास्तु यंत्र, या कुबेर यंत्र की स्थापना करें। यह यंत्र सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और दोषों को कम करते हैं।

निष्कर्ष

ज्योतिष के अनुसार दृष्टि से दक्षिण मुखी घर को दुर्भाग्यपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह दिशा नकारात्मक ऊर्जा और अशुभ का संकेत देती है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, सही वास्तु और ज्योतिषीय उपाय अपनाकर दक्षिण मुखी घर के दोषों को कम किया जा सकता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया जा सकता है। इन उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन को सुखमय और समृद्ध बना सकते हैं। ध्यान दें कि वास्तु और ज्योतिष केवल सहायक होते हैं, मुख्य सफलता आपके परिश्रम और सही जीवनशैली पर निर्भर करती है।

ज्योतिषी साहू जी

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