इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी के अनुसार, ज्योतिष एक प्राचीन भारतीय विद्या है, जो ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति और उनकी मानव जीवन पर प्रभाव का अध्ययन करती है। यह विद्या मानती है कि हमारी जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति हमारे जीवन की विभिन्न घटनाओं और परिस्थितियों को प्रभावित कर सकती है। इनमें से एक महत्वपूर्ण पहलू हमारी नौकरी या करियर से संबंधित होता है। आज के समय में जब बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, यह जानना दिलचस्प हो सकता है कि ज्योतिष दृष्टि से क्या आपके ग्रह आपकी नौकरी न लग पाने में कोई भूमिका निभा रहे हैं।
जन्म कुंडली और करियर
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी के अनुसार वैदिक ज्योतिष में, जन्म कुंडली में दसवां भाव (घर) करियर और प्रोफेशन का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा, छठा और ग्यारहवां भाव भी महत्वपूर्ण माने जाते हैं, क्योंकि छठा भाव सेवा और नौकरी को दर्शाता है, जबकि ग्यारहवां भाव आय और लाभ से संबंधित होता है। इन भावों में स्थित ग्रह और उनकी दशाएं यह संकेत दे सकती हैं कि व्यक्ति को नौकरी पाने में सफलताbमिलेगी या नहीं।

ग्रहों का प्रभाव
- शनि: वैदिक ज्योतिष में , शनि ग्रह को कर्म का कारक माना जाता है। यह ग्रह नौकरी और मेहनत से संबंधित होता है। अगर शनि ग्रह कमजोर हो या बुरे प्रभाव में हो तो यह नौकरी पाने में बाधा उत्पन्न कर सकता है। वहीं, शनि की दशा या साढ़े साती चल रही हो तो यह भी करियर में संघर्ष का कारण बन सकती है।
- राहु : राहु एक छाया ग्रह है और इसे अनिश्चितता और अस्थिरता का कारक माना जाता है। राहु के प्रभाव में व्यक्ति की सोच और दिशा भटक सकती है, जिससे करियर में बाधा उत्पन्न हो सकती हैं।
- मंगल : में, मंगल को ऊर्जा और साहस का प्रतीक माना जाता है। अगर यह ग्रह अशुभ स्थिति में हो या इसके अशुभ प्रभाव हों, तो यह व्यक्ति के करियर में संघर्ष और मुश्किलें ला सकता है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार में , सूर्य को आत्मा और सरकारी नौकरियों का कारक माना जाता है। यदि जन्म कुंडली में सूर्य कमजोर हो या अशुभ ग्रहों से प्रभावित हो, तो सरकारी नौकरी पाने में दिक्कतें आ सकती हैं।
- बुध : ज्योतिषी साहू जी के अनुसार वैदिक ज्योतिष में, बुध बुद्धि और संवाद का ग्रह है। यह ग्रह व्यापार, मैनेजमेंट और संचार क्षेत्र में नौकरी के लिए महत्वपूर्ण है। यदि बुध कमजोर हो या पीड़ित हो, तो व्यक्ति की संवाद क्षमता और निर्णय शक्ति पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे नौकरी पाने में मुश्किलें आ सकती हैं।
कुंडली में ग्रह दोष और निवारण
अगर कुंडली में ग्रह दोष पाए जाते हैं, तो ज्योतिषशास्त्र में उनके निवारण के लिए विभिन्न उपाय बताए गए हैं:
- शनि दोष निवारण: शनि की शांति के लिए शनि मंत्र का जाप, शनि मंदिर में तेल चढ़ाना, और शनि अमावस्या के दिन गरीबों को दान करना फायदेमंद होता है।
- राहु दोष निवारण: राहु के प्रभाव को कम करने के लिए राहु मंत्र का जाप, नारियल का दान, और राहु काल के दौरान खासतौर पर सतर्क रहना चाहिए।
- मंगल दोष निवारण: मंगल के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ, मसूर की दाल का दान, और हनुमान जी की पूजा करना लाभकारी होता है।
- सूर्य दोष निवारण: सूर्य की शांति के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ, तांबे के बर्तन में जल भरकर सूर्य को अर्घ्य देना, और सूर्य भगवान की पूजा करना लाभकारी होता है।
- बुध दोष निवारण: बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए बुध मंत्र का जाप, हरी वस्त्र और हरे फल का दान, और बुध ग्रह की शांति के लिए बुद्ध स्तोत्र का पाठ करना लाभकारी होता है।

सही समय का चयन
ज्योतिष में मुहूर्त का भी बड़ा महत्व है। सही समय का चयन करके व्यक्ति अपने कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकता है। नौकरी के लिए आवेदन करने, इंटरव्यू देने, और नौकरी जॉइन करने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करने से सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
निष्कर्ष
शनि: वैदिक ज्योतिष दृष्टिकोण से नौकरी न लग पाने के पीछे ग्रहों का महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है। जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनकी दशाओं का अध्ययन करके यह जाना जा सकता है कि किन ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण नौकरी में बाधा आ रही हैं। साथ ही, ज्योतिष शास्त्र में बताए गए उपायों को अपनाकर इन ग्रह दोषों का निवारण किया जा सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ज्योतिष शास्त्र एक मार्गदर्शन है और इसे अपने जीवन की समस्याओं के समाधान का एक हिस्सा मानना चाहिए, ना कि पूरी तरह से निर्भरता। इंदौर, भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी के अनुसार ,व्यक्तिगत मेहनत, समर्पण, और सही दिशा में प्रयास ही किसी भी सफलता की कुंजी है।
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