What is Gandmool dosha?
गण्ड मूल दोष किसे कहा गया है?
ज्योतिषशास्त्र में उल्लेख हैं। सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को 27 नक्षत्र व 12 राशियो में विभाजित किया गया हैं ।प्राचीन काल से ही नक्षत्रो का प्रयोग होता आ रहा हैं । इन नक्षत्रो में कुछ तो अत्याधिक शुभ व कुछ अशुभ नक्षत्र होते हैं। इन नक्षत्रो में केतु व बुध के अधिकार में आने वाले नक्षत्र गंड मूल Gandmool dosh कहलाते हैं। यें गंडमूल नक्षत्र Gandmool dosh अधिकतर अपने अंदर अशुभ व मारक प्रभाव रखते हैं। सामान्यतः अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल व खेती ये छः नक्षत्र गण्डमूल कहे जाते हैं। ज्योतिष विद्या के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में चन्द्रमा, रेवती, अश्विनी, श्लेषा, मघा, ज्येष्ठा तथा मूल नक्षत्रों में से किसी एक नक्षत्र के किसी विशेष चरण में स्थित हो तो कुंडली धारक का जन्म गंडमूल Gandmool dosh में हुआ माना जाता है व जातक की कुंडली में गंडमूल दोष उपस्थित होता है।
What is mool nakshatra?
गंडमूल नक्षत्र किस प्रकार दोष होते है?
ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेता है उसका पूरा जीवन बाधाओं और परेशानियों से घिरा रहता है।प्रत्येक गंडमूल नक्षत्र के व्यक्ति को भिन्न भिन्न फल प्राप्त होते है। गंडमूल नक्षत्र का प्रभाव माता- पिता के स्वास्थ्य व आयु, स्वयं के स्वास्थ्य व आयु, घर परिवार, भाग्य को प्रभावित करने वाला होता हैं। इनका प्रभाव इस तरह से हो सकता हैं- स्वास्थ्य मे दिक्क्त होना , माता पिता को कष्ट व आयु भय,जीवन मे नकारात्मक प्रभाव व संघर्ष, दुर्घटना का भय या जीवन में कष्ट दायक स्थिति बनती हैं, दरिद्रता व भाग्य हीनता का भय।
गण्ड मूल दोष मे क्या करें उपाय?
कहा जाता है गंड मूल में जन्में बच्चे के जन्म से लेकर 27 दिनों तक उसके पिता को उसका चेहरा नहीं देखना चाहिए। जब तक इसकी शांति न करा ली जाए ।गंड मूल नक्षत्र के दोष को शांत करने से पहले यह जानना अति आवश्यक है कि यह दोष होता है क्या है और इसके दुष्प्रभाव क्या-क्या हो सकते हैं ।ज्योतिषशास्त्र द्वारा Gandmool dosh दोष का समाधान भी संभव है। गंडमूल दोष निवारण के लिए की जाने वाली पूजा अन्य वैदिक पूजाओं की तुलना में कई प्रकार से भिन्न होती है तथा यह पूजा प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक ही मंत्र से नहीं की जाती और विभिन्न जातकों के लिए गंडमूल दोष निवारण मंत्र भिन्न भिन्न हो सकते हैं जिसका निर्णय व्यक्ति के जन्म नक्षत्र अर्थात व्यक्ति के जन्म के समय चन्द्रमा की स्थिति वाले नक्षत्र को देख कर ही किया जाता है।
मूल किस प्रकार रहता है?
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार वैशाख, ज्येष्ठ, मार्गशीर्ष अथवा अगहन एवं फाल्गुन मास में मूल का वास पाताल में होता है। इसी प्रकार आषाढ़, आश्विन, भाद्रपद और माघ मास में मूल का वास स्वर्ग में होता है एवं चैत्र, श्रावण, कार्तिक व पौष मास में मूल gandmool का वास भूमि पर रहता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति के जन्म के समय मूल का वास यदि पाताल अथवा स्वर्ग में हो तो सदा शुभ फल समझना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति के जन्म के समय मूल का वास भूमि पर हो तो उक्त विवेचित चरणों एवं घड़ियों के अनुसार शुभाशुभ परिणाम समझना चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति के जन्म समय पर अश्विनी नक्षत्र अपने पहले चरण में हो तो पिता के लिए कष्टजनक रहता है, दूसरे चरण में व्यक्ति का जन्म सुख लाभ प्रदाता होता है, तीसरे चरण में व्यक्ति का जन्म राजपद, लाभ प्रदाता होता है एवं चौथे चरण में व्यक्ति का जन्म राजा तुल्य शक्ति प्रदाता होता है।किसी व्यक्ति का जन्म मघा नक्षत्र के पहले चरण होने पर मामा व नाना के कुल को विघातक, दूसरे चरण में व्यक्ति का जन्म पिता को भय व्यक्ति होता है, तीसरे चरण में व्यक्ति का जन्म सुख लाभ प्रदाता एवं चौथे चरण में व्यक्ति का जन्म उत्तम विधा एवं बुद्धि प्रदाता होता है।खेती नक्षत्र के पहले चरण में जन्म लेने पर व्यक्ति राजा तुल्य, इस नक्षत्र के दूसरे चरण में जन्म लेने पर व्यक्ति राज पदाधिकारी, तीसरे चरण में जन्म लेने पर व्यक्ति सुख एवं ऐश्वर्य वान एवं खेती , नक्षत्र के चौथे चरण में जन्म व्यक्ति के लिए कष्ट प्रदाता होता है। इस प्रकार किसी व्यक्ति के सम्बन्ध में गण्ड मूल Gandmool dosh विचार किया जाना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कृत- निश्चित किया गया है।
एस्ट्रोलॉजर साहू जी
ए बी रोड, विजय नगर, इंदौर
मोबाइल : 9039636706, 8656979221
फेस बुक पेज; लाल किताब इंदौर
ईमेल : indorejyotish@gmail.com
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें।
Best astrologer in vijay nagar| Best astrologers in vijay nagar indore |
Kamal Nath Birth Chart Horoscope
Astrology reveal every secrets of your life whether these are strength or weakness of person…
देश के प्रतिष्ठित पुरस्कार चैम्पियंस ऑफ़ चेंज
ज्योतिषाचार्य श्रीमान मनोज साहू जी को आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में देश के…
Does Rahu Impact your Career
Actually we have become faster but somewhere we analyse our self in career point of…
वैदिक कर्मकांड शिक्षा अभियान
ज्योतिषी साहू जी की धार्मिक संबंधों और वैदिक ज्योतिष इंदौर मध्य प्रदेश के क्षेत्र में…
Astrological Remedies To Overcome Bad Planetary Effects
Remedies for all 9 planet In terms of Astrology, planets play a really important role in shaping…
Astrological Remedies for Nightmares
Many times an individual has nightmares while sleeping in the dark, and once they awaken from sleep they’re unable to sleep for…