ज्योतिषीय दृष्टि से कैसे जानें कि आपका घर और रसोईघर सही दिशा में है

भारतीय वास्तुशास्त्र और ज्योतिष विज्ञान में दिशाओं का विशेष महत्व है। सही दिशा में घर और रसोईघर का होना न केवल स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा देता है बल्कि परिवार में शांति और सौहार्द्र भी बनाए रखता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी और के अनुसार, सही दिशा में घर और रसोईघर की स्थिति का विश्लेषण करके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है। आइए, जानते हैं ज्योतिषीय दृष्टि से कैसे जाना जा सकता है कि आपका घर और रसोईघर सही दिशा में हैं या नहीं।

घर की दिशा का महत्व

घर की दिशा का निर्धारण करते समय मुख्य द्वार की दिशा को प्रमुखता दी जाती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य द्वार की दिशा का सीधा प्रभाव घर में रहने वालों की ऊर्जा और जीवनशैली पर पड़ता है। सही दिशा में मुख्य द्वार होने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

  • उत्तर दिशा: यह दिशा धन के देवता कुबेर की मानी जाती है। इस दिशा में मुख्य द्वार होने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
  • पूर्व दिशा: सूर्य देव की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में मुख्य द्वार होने से स्वास्थ्य और मानसिक शांति मिलती है।
  • दक्षिण-पूर्व दिशा: इस दिशा में मुख्य द्वार होने से परिवार में कलह और समस्या हो सकती हैं। इसे अशुभ माना जाता है।
  • पश्चिम दिशा: यह दिशा भी शुभ मानी जाती है, लेकिन इसका प्रभाव थोड़ा मिलाजुला हो सकता है।

रसोईघर की दिशा का महत्व

रसोईघर का सही दिशा में होना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह घर की आग्नेय शक्ति को दर्शाता है। रसोईघर की दिशा का सीधा प्रभाव परिवार के स्वास्थ्य और समृद्धि पर पड़ता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, रसोईघर की दिशा निम्नलिखित होनी चाहिए:

  • दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण): यह दिशा रसोईघर के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है। अग्नि तत्व की दिशा होने के कारण इस दिशा में रसोईघर बनाने से स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहती है।
  • उत्तर-पश्चिम दिशा: यह दिशा भी रसोईघर के लिए उचित मानी जाती है। इस दिशा में रसोईघर होने से पारिवारिक संबंध अच्छे रहते हैं और भोजन की गुणवत्ता में सुधार होता है।
  • उत्तर दिशा: इस दिशा में रसोईघर बनाने से बचना चाहिए क्योंकि यह धन के देवता कुबेर की दिशा है और यहां अग्नि तत्व का होना शुभ नहीं माना जाता।

ग्रहों और नक्षत्रों का प्रभाव

ज्योतिषीय दृष्टि से, घर और रसोईघर की दिशा का निर्धारण करते समय ग्रहों और नक्षत्रों का भी ध्यान रखना आवश्यक है। ग्रहों की स्थिति और उनका प्रभाव घर की ऊर्जा और समृद्धि को प्रभावित कर सकता है।

  • सूर्य: पूर्व दिशा में सूर्य का प्रभाव सबसे अधिक होता है। इस दिशा में रसोईघर और मुख्य द्वार होने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • चंद्रमा: उत्तर दिशा में चंद्रमा का प्रभाव होता है। यह दिशा धन और समृद्धि के लिए उत्तम मानी जाती है।
  • मंगल: दक्षिण-पूर्व दिशा मंगल की दिशा मानी जाती है। यह अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इस दिशा में रसोईघर बनाना शुभ होता है।
  • बुध: उत्तर दिशा बुध की दिशा मानी जाती है। यह दिशा व्यापार और ज्ञान के लिए शुभ मानी जाती है।

वास्तु दोष और उनके निवारण

मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार कभी-कभी घर और रसोईघर की दिशा सही न होने के कारण वास्तु दोष उत्पन्न हो सकते हैं। इन दोषों का निवारण करके भी जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाई जा सकती है।

  • दक्षिण-पूर्व दिशा में रसोईघर न हो: यदि आपके घर में रसोईघर दक्षिण-पूर्व दिशा में नहीं है, तो आप अग्नि देवता की पूजा करके और रसोईघर में हनुमान जी की तस्वीर लगाकर इस दोष का निवारण कर सकते हैं।
  • उत्तर दिशा में मुख्य द्वार न हो: यदि मुख्य द्वार उत्तर दिशा में नहीं है, तो आप धन के देवता कुबेर की पूजा करके और मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह लगाकर इस दोष का निवारण कर सकते हैं।
  • पश्चिम दिशा में रसोईघर हो: यदि आपके रसोईघर पश्चिम दिशा में है, तो आप यहां हनुमान चालीसा का पाठ करके और नियमित रूप से कपूर जलाकर इस दोष का निवारण कर सकते हैं।

ज्योतिषीय उपाय

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी के अनुसार, ज्योतिषीय उपायों के माध्यम से घर और रसोईघर की दिशा से संबंधित दोषों का निवारण किया जा सकता है।

  • राशि अनुसार दिशा का चयन: आपकी राशि के अनुसार भी दिशा का चयन महत्वपूर्ण होता है। जैसे कि मेष राशि के लिए पूर्व दिशा शुभ होती है और वृषभ राशि के लिए उत्तर दिशा शुभ मानी जाती है।
  • रत्न धारण: ग्रहों की शांति और शुभ के लिए व्यक्ति अपनी कुंडली के अनुसार रत्न धारण कर सकता है। जैसे कि मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, और शनि के लिए नीलम धारण करना लाभकारी होता है।
  • मंत्र जाप: विशेष मंत्रों का जाप करके भी घर और रसोईघर की दिशा को सुधारने में सहायता मिलती है। उदाहरण के लिए, ‘ॐ हनुमते नमः’ मंत्र का जाप करने से मंगल ग्रह की अशुभ कम होती है।

निष्कर्ष

ज्योतिषीय दृष्टि से घर और रसोईघर की सही दिशा का महत्व अत्यंत होता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, घर की दिशा और रसोईघर की दिशा का सही निर्धारण करके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। हाल ही में हुए गणना के अनुसार, दिशाओं का सही चयन और ज्योतिषीय उपाय अपनाकर घर में शांति, सुख, और समृद्धि लाई जा सकती है। इसलिए, अपने घर और रसोईघर की दिशा का विश्लेषण कराकर उचित उपाय करें और अपने जीवन को सुखमय बनाये |

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