वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र भारतीय परंपरा के महत्वपूर्ण अंग हैं, जो हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार ,घर की संरचना और उसका आंतरिक वातावरण हमारे जीवन की सुख-शांति और समृद्धि पर गहरा प्रभाव डालता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, कई बार हम अनजाने में ऐसी वास्तु संबंधी गलतियां कर देते हैं, जो हमारे जीवन में नकारात्मक ऊर्जा लाती हैं और हमारे सुख-समृद्धि को प्रभावित करती हैं। आइए जानते हैं कुछ सामान्य वास्तु संबंधी गलतियों के बारे में जो हम बिना सोचे-समझे कर रहे होंगे।
मुख्य द्वार की दिशा और स्थिति

मुख्य द्वार को वास्तु शास्त्र में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि यह घर में ऊर्जा के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। मुख्य द्वार का गलत दिशा में होना या उसकी स्थिति ठीक न होना नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर सकता है।
गलतियाँ:
मुख्य द्वार का दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशा में होना।
मुख्य द्वार के सामने कोई अवरोध या बड़ी वस्तु का होना।
मुख्य द्वार का टूट-फूट या जर्जर अवस्था में होना।
सुझाव: मुख्य द्वार को उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में रखना शुभ होता है। इसे हमेशा साफ-सुथरा और आकर्षक बनाए रखें। दरवाजे के सामने अवरोध न रखें और दरवाजे की मरम्मत समय-समय पर करते रहें।
रसोई की गलत स्थिति

रसोई घर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका सही दिशा में होना आवश्यक है। रसोई की गलत स्थिति से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है।
गलतियाँ: रसोई का उत्तर-पूर्व दिशा में होना।
रसोई का बाथरूम के सामने या पास होना।
रसोई में आग और पानी के तत्वों का सही संतुलन न होना।
सुझाव: रसोई को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। अग्नि तत्व (चूल्हा) को हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें और जल तत्व (सिंक) को उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और समृद्धि बढ़ेगी।
बाथरूम और टॉयलेट की स्थिति

बाथरूम और टॉयलेट की स्थिति भी वास्तु शास्त्र में महत्वपूर्ण होती है। इनका गलत स्थान पर होना घर में नकारात्मक ऊर्जा फैलाता है।
गलतियाँ:
बाथरूम का उत्तर-पूर्व दिशा में होना।
बाथरूम और टॉयलेट का मुख्य द्वार के सामने होना।
बाथरूम और टॉयलेट का किचन के पास होना।
सुझाव: बाथरूम और टॉयलेट को हमेशा पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखें। बाथरूम को साफ और स्वच्छ रखें, और बाथरूम के दरवाजे को हमेशा बंद रखें।
पूजा कक्ष की गलत दिशा
पूजा कक्ष का सही दिशा में होना बहुत महत्वपूर्ण है। गलत दिशा में पूजा कक्ष रखने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है।
गलतियाँ:
पूजा कक्ष का दक्षिण दिशा में होना।
पूजा कक्ष का बेडरूम में होना।
पूजा कक्ष का रसोई के पास होना।
सुझाव: पूजा कक्ष को उत्तर-पूर्व दिशा में रखें,जिसे ईशान कोण कहा जाता है। यह दिशा देवताओं की दिशा मानी जाती है और यहां पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
बेडरूम की गलत स्थिति

बेडरूम घर का वह स्थान है जहां हम विश्राम करते हैं। इसका सही दिशा में होना महत्वपूर्ण है,अन्यथा यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
गलतियाँ:
बेडरूम का उत्तर-पूर्व दिशा में होना।
बेडरूम में आईना का बेड के सामने होना।
बेडरूम का बाथरूम के साथ जुड़ा होना और उसका दरवाजा खुला रखना।
सुझाव: बेडरूम को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें। बेड के सामने आईना न रखें, और अगर बेडरूम में बाथरूम है, तो उसका दरवाजा हमेशा बंद रखें।
रंगों का गलत उपयोग
घर में रंगों का उपयोग भी वास्तु के अनुसार होना चाहिए। गलत रंगों का प्रयोग नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।
गलतियाँ:
बेडरूम में गहरे रंगों का प्रयोग।
किचन में काले या गहरे नीले रंग का प्रयोग।
बच्चों के कमरे में बहुत ज्यादा चमकीले रंगों का प्रयोग।
सुझाव: बेडरूम में हल्के और शांत रंगों का प्रयोग करें जैसे कि हल्का नीला, हरा, या पेस्टल शेड्स। किचन में लाल, हरा या हल्के रंगों का प्रयोग करें। बच्चों के कमरे में भी हल्के और सुखद रंगों का उपयोग करें।
फर्नीचर की गलत स्थिति

फर्नीचर की स्थिति भी वास्तु के अनुसार होनी चाहिए। इसका गलत स्थान पर होना नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
गलतियाँ:
फर्नीचर का दीवार से सटा होना।
भारी फर्नीचर का उत्तर-पूर्व दिशा में होना।
फर्नीचर का दरवाजे के सामने होना।
सुझाव: फर्नीचर को दीवार से थोड़ी दूरी पर रखें। भारी फर्नीचर को हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें।
फर्नीचर को दरवाजे के सामने न रखें ,ताकि ऊर्जा का प्रवाह बाधित न हो।
सजावट की गलत वस्तुएं
घर की सजावट में कुछ वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकती हैं।
गलतियाँ:
टूटे हुए बर्तन या सजावट की वस्तुएं।
कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस।
मृत जानवरों की मूर्तियां या चित्र।
सुझाव: टूटे हुए बर्तन या सजावट की वस्तुएं घर में न रखें। कांटेदार पौधों के बजाय हरे पौधे और फूलों का प्रयोग करें। सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करने वाली वस्तुएं जैसे भगवान की मूर्तियां, सुंदर चित्र और प्राकृतिक वस्त्र रखें।
निष्कर्ष
ज्योतिषी दृष्टि से वास्तु संबंधी गलतियां अनजाने में हमारे जीवन में नकारात्मक ऊर्जा ला सकती हैं और हमारे सुख-समृद्धि को प्रभावित कर सकती हैं। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, सही दिशा, रंग, और वस्त्रों का प्रयोग करके हम अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। इन सुझावों को अपनाकर आप अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि ला सकते हैं। वास्तु और ज्योतिष का सही अनुपालन हमारे जीवन को सुखमय और सफल बना सकता है।
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