वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करते हैं, जिसमें बच्चों का स्वास्थ्य भी शामिल है। बच्चों के स्वास्थ्य को सही रखने और उनके विकास को सुनिश्चित करने के लिए वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, बच्चों के स्वास्थ्य और समग्र विकास के लिए कुछ विशेष वास्तु टिप्स अपनाए जा सकते हैं। आइए जानते हैं कि ज्योतिष दृष्टि से बच्चों के स्वास्थ्य के लिए कौन-कौन से वास्तु टिप्स लाभकारी हो सकते हैं।
बच्चों का कमरा और उसकी दिशा

ज्योतिष के अनुसार बच्चों का कमरा घर के उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना चाहिए। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत मानी जाती है और बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए उत्तम होती है। उत्तर-पूर्व दिशा में कमरे से बच्चों में एकाग्रता और मानसिक शांति बनी रहती है। इसके अलावा, दक्षिण-पूर्व दिशा भी बच्चों के कमरे के लिए अच्छी मानी जाती है, क्योंकि यह दिशा अग्नि तत्व से संबंधित होती है और ऊर्जा को बढ़ावा देती है।
बिस्तर की स्थिति
बच्चों के बिस्तर की स्थिति भी उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, बच्चों का बिस्तर हमेशा दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोना चाहिए। इससे बच्चों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और उनकी नींद अच्छी आती है। बिस्तर के नीचे कोई भी भारी वस्तु या जूते-चप्पल नहीं रखने चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
पढ़ाई की मेज और उसकी दिशा

ज्योतिष के अनुसार बच्चों की पढ़ाई की मेज उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके रखनी चाहिए। इससे उनकी पढ़ाई में एकाग्रता बनी रहती है और वे अधिक ध्यान से पढ़ाई कर सकते हैं। पढ़ाई की मेज को साफ और व्यवस्थित रखें, और मेज पर हरे पौधे या गणेश जी की मूर्ति रख सकते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
रंगों का प्रभाव
वास्तु शास्त्र में रंगों का भी विशेष महत्व है। बच्चों के कमरे में हल्के और शांत रंगों का प्रयोग करना चाहिए, जैसे कि हल्का नीला, हरा, या पेस्टल शेड्स। ये रंग मानसिक शांति और एकाग्रता को बढ़ावा देते हैं। गहरे और चमकीले रंगों से बचना चाहिए, क्योंकि वे बच्चों के मन को विचलित कर सकते हैं और उनकी नींद और स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकते हैं।
हवादार और रोशनी
बच्चों के कमरे में अच्छी हवादार और पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए। प्राकृतिक रोशनी और ताजा हवा से बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर होता है और उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। ज्योतिष के अनुसार कमरे में रोजाना खिड़कियाँ खोलकर ताजा हवा और रोशनी आने दें। कृत्रिम रोशनी का प्रयोग करते समय, हल्की और गर्म रोशनी का उपयोग करें।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार बच्चों के कमरे में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग कम से कम करें। टीवी, कंप्यूटर, और मोबाइल फोन जैसी वस्तुएं बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। यदि इनका उपयोग आवश्यक हो, तो इन्हें बच्चों के सोने के समय से पहले बंद कर दें और कमरे से हटा दें। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाली रेडिएशन बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
शांति और स्वच्छता
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार बच्चों के कमरे में शांति और स्वच्छता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। कमरे को हमेशा साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखें। गंदगी और अव्यवस्था से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है। कमरे में नियमित रूप से झाड़ू-पोंछा करें और धूल-मिट्टी को साफ करें।
धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक
बच्चों के कमरे में धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों का उपयोग करें। जैसे कि, कमरे में गणेश जी, सरस्वती माता, या भगवान कृष्ण की मूर्ति या चित्र लगाएं। ये प्रतीक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और बच्चों को आध्यात्मिकता और धार्मिकता की ओर प्रेरित करते हैं। इसके अलावा, बच्चों के कमरे में ओम या स्वास्तिक का चिन्ह भी शुभ माना जाता है।
पौधों का महत्व
मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार बच्चों के कमरे में पौधों का होना भी लाभकारी होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, बच्चों के कमरे में तुलसी, मनी प्लांट, या छोटे हरे पौधे रख सकते हैं। ये पौधे कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और हवा को शुद्ध करते हैं। पौधों की देखभाल से बच्चों में जिम्मेदारी और प्रकृति के प्रति प्रेम की भावना भी विकसित होती है।
खेल और मनोरंजन

बच्चों के कमरे में खेल और मनोरंजन की सुविधा भी होनी चाहिए। खेल और मनोरंजन बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए आवश्यक होते हैं। ज्योतिष के अनुसार कमरे में खिलौने, पजल्स, और खेल सामग्री रखें। खेल और मनोरंजन से बच्चों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और उनका स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
निष्कर्ष
वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार, बच्चों के स्वास्थ्य और समग्र विकास के लिए कुछ विशेष वास्तु टिप्स अपनाए जा सकते हैं। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, सही दिशा, रंग, और वातावरण का चयन करके हम बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। इन उपायों को अपनाकर आप अपने बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और उनके शारीरिक और मानसिक विकास को सुनिश्चित कर सकते हैं। ध्यान दें कि यह उपाय सहायक होते हैं, मुख्य सफलता आपके बच्चों की सही देखभाल और प्यार पर निर्भर करती है। वास्तु और ज्योतिष का सही समन्वय बच्चों के जीवन को सुखमय और समृद्ध बना सकता है।
ज्योतिषी साहू जी
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