हरीश रावत का जन्म 27 अप्रैल 1947 को उत्तराखंड के अलमोड़ा जिले के मोहनारी में एक राजपूत परिवार में हुआ। पिता का नाम राजेंद्र सिंह रावत तथा माता का नाम देवकी देवी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा उत्तराखंड के 8वें मुख्यमंत्री रहे है। बचपन से ही रुझान राजनीति की ओर रहा। अल्मोड़ा में भिकियासैंण और सल्ट तहसील का इलाका स्वतंत्रता संग्राम के दिनों से ही राजनीतिक गतिविधियों में काफी चर्चित रहा है और ऐसे वातावरण में पले बढ़े रावत का राजनीति से लगाव होना स्वभाविक ही रहा। इनका विवाह रेणुका रावत से हुआ। एक जानकारी के मुताबिक उनके Ex. Chief Minister’s दो बच्चे हैं।
Ex. Chief Minister Harish Rawat’s birth chart horoscope -हरीश रावत कुंडली
Name: Harish Rawat
Birth Date: 27 april, 1947, Sunday
Birth Time: 12:00 pm
Bith Place: Mohnari, ranikhet almora

अब यदि कुंडली की बात करे तो लग्न में हो दो राजयोग विराजमान है (viprit rajyog | neech bhang rajyog) जिसकी उम्मीद न हो वो काम होते है इनके साथ। वैसे आम आदमी कहेगा ऐसा ग्रह योग तो जनरल किसी न की कुंडली में होगा ही, ऐसे कई सारे योग इनकी कुन्डलीमे है जो राजयोग बनाते है, आप इनकी नवांश कुंडली देखे या D10 देखे या D60 चार्ट देखे, कई सारे राजयोग है जिन्होंने अपनी अपनी दशा काल में कई उम्मीद से बढ़कर रिजल्ट दिया..Harish Rawat’s birth chart | Ex. Chief Minister’s horoscope
बेटा आनंद सिंह रावत भी राजनीति से जुड़ा है, जबकि बेटी अनुपमा रावत सॉफ्टवेयर के क्षेत्र से हैं तथा राजनीति में भी दखल रखती हैं। उत्तराखंड से ही अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त कर, लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद रावत ने वकालत को अपने जीवन यापन का साधन बनाया लेकिन राजनीति का दामन भी थामे रखा। छात्र जीवन में हरीश रावत ने अपने कॉलेज की ओर से विश्वविद्यालय का कई खेलों में प्रतिनिधित्व किया है, विशेष रूप से फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी और एथलेटिक्स में। चीन, नेपाल, थाईलैंड, जापान, इंडोनेशिया, इराक़ सहित अनेक देशों की यात्राएं कर चुके हैं। किताबें पढ़ना उनके पसंदीदा टाइम पास में से एक है। व्यावसायिक तौर पर वे कृषि से जुड़े होने के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं और श्रमिक संघ से भी संबद्ध रहे। विद्यार्थी जीवन में ही उन्होंने भारतीय युवक कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। वर्ष 1973 में कांग्रेस की जिला युवा इकाई के प्रमुख चुने जाने वाले वे सबसे कम उम्र के युवा थे। आज उत्तराखंड के कद्दावर नेताओं में शुमार किए जाने वाले हरीश रावत ऐसे राजनीतिज्ञ माने जाते है जो अपने प्रतिद्वंदियों से मात खाने के बाद हर बार और मजबूत होकर उभरे और केंद्र में केबिनेट मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद अंतत: प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए।
करीब 13 साल पहले जब केंद्र में राजग सरकार और मूल प्रदेश उत्तर प्रदेश में भाजपा के कार्यकाल में उत्तराखंड का जन्म हुआ, उस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के रुप में सामने आये हरीश रावत ने पूरे प्रदेश में ऐसा बदलाव ला दिया कि वर्ष 2002 की शुरुआत में हुए पहले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से बेदखल करते हुए सरकार बना ली।
हालांकि यह अलग बात है कि सत्ता तक पहुंचाने वाले रावत की मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी वयोवृद्घ कांग्रेसी नेता एनडी तिवारी के सामने खारिज कर दी गई। वर्ष 1973 और वर्ष 1980 के बीच की अवधि में रावत जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक युवक कांग्रेस के महत्वपूर्ण पदों पर रहे। वर्ष 1980 में वह पहली बार अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए। उसके बाद 1984 व 1989 में भी उन्होंने संसद में इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।1992 में उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का महत्वपूर्ण पद संभाला, जिसकी जिम्मेदारी वे 1997 तक संभालते रहे। राज्य निर्माण के पश्चात रावत प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए और उनकी अगुवाई में 2002 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बहुमत प्राप्त हुआ और उत्तराखण्ड में कांग्रेस की सरकार बनी। नारायण दत्त तिवारी के मुकाबले मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से बाहर होने के बाद, उसी साल नवम्बर में रावत को उत्तराखण्ड से राज्यसभा के सदस्य के रुप में भेजा गया।
पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान उन्होंने हरिद्वार संसदीय सीट सें चुनाव लड़ा, जहां उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की। उनके निकटस्थ प्रतिद्वंद्वी से जीत का अंतर एक लाख वोटों से भी ज्यादा रहा।पिछले काफी समय से भाजपा, सपा या बसपा की झोली में रही हरिद्वार सीट जीतने वाले रावत को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने मंत्रिमंडल में पहले राज्य मंत्री और बाद में कैबिनेट मंत्री का दायित्व सौंपा।
हालांकि, 2012 में कांग्रेस के प्रदेश में एक बार फिर सत्ता में आने के बाद उनका नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चलता रहा, लेकिन इस बार भी पार्टी आलाकमान ने उनकी दावेदारी को नकार दिया और उनकी जगह विजय बहुगुणा को तरजीह दी। बहुगुणा के सत्ता संभालने के बाद से लगातार प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें चलती रहीं, वर्ष 2014 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण करी।
If you want to show your horoscope, contact us for appointment:
Astrologer Sahu Ji
Contact: 9039636706 | 8656979221
202 Devansh Apartment, Vijay Nagar, Indore
Zodiac Symbols in Astrology
If you’ve ever checked out the zodiac wheel or a birth chart, you likely noticed a series…
भगवान की मूर्तियों के दर्शन करते वक्त रखे ध्यान
दर्शन के समय रखे ध्यान यदि आपके घर में गणेशजी और विष्णुजी की मूर्ति है…
HOW TO GET YOUR LIFE PATH NUMBER FOR SUCCESS
Right now you were conceived, your spirit took on certain identity qualities that make you…
Digvijaya Singh’s birth chart
He completed his schooling at Daly College of Indore, and graduation in Mechanical Engineering (B.E.)…
Result of the mahadasha of ketu and along with all 9 antardasha
The Mahadasha of a planet is that the major period of its influence upon us in our…
Top 10 astrologer in India
Famous astrologer in India India has a number of the simplest astrologer in India. Many of them are…