किसी कानूनी विवाद में फंसे रहना एक जटिल और थकाऊ प्रक्रिया हो सकती है, विशेषकर जब केस का कोई परिणाम नहीं निकल रहा हो। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र की सहायता ली जा सकती है, जो विभिन्न ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर कोर्ट केस में आ रही बाधाओं का समाधान प्रस्तुत करता है। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी, जो वेदिक ज्योतिष, न्यूमेरोलॉजी और लाल किताब के विशेषज्ञ हैं, ने इस विषय पर गहन जानकारी दी है। आइए जानते हैं, ज्योतिषीय दृष्टि से वे कौन से कारक हैं जो आपके कोर्ट केस के परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं और इससे बचने के उपाय क्या हो सकते हैं।
ज्योतिषीय दृष्टि से कोर्ट केस के कारण

शनि
- शनि का प्रभाव: शनि को न्याय और कर्मफल का कारक माना जाता है। यदि शनि की महादशा या अंतरदशा चल रही हो, या शनि अशुभ स्थिति में हो, तो कोर्ट केस में देरी और जटिलता का सामना करना पड़ सकता है।
- निवारण: शनि की शांति के लिए शनि मंत्र का जाप, शनि की पूजा, और शनि अमावस्या पर दान करना लाभकारी हो सकता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, शनि की शांति से कोर्ट केस में सफलता की संभावना बढ़ती है।
राहु
- राहु का प्रभाव: राहु भ्रम, छल, और अनिश्चितता का प्रतीक है। राहु की अशुभ दशा या कुंडली में राहु के दोष के कारण कोर्ट केस में अनिश्चितता और देरी हो सकती है।
- निवारण: राहु की शांति के लिए राहु मंत्र का जाप, नीले वस्त्र और नारियल का दान करना प्रभावी हो सकता है।
मंगल
- मंगल का प्रभाव: मंगल ग्रह ऊर्जा, साहस, और संघर्ष का प्रतीक है। यदि मंगल की महादशा या अंतरदशा चल रही हो, या मंगल अशुभ स्थिति में हो, तो कोर्ट केस में संघर्ष और विवाद की स्थिति बनी रह सकती है।
- निवारण: मंगल की शांति के लिए हनुमान चालीसा का पाठ, मंगलवार का व्रत और मूंगा (कोरल) रत्न धारण करना लाभकारी हो सकता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, मंगल की शांति से कोर्ट केस में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
बुध
- बुध का प्रभाव: बुध संवाद और तर्कशक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। बुध की कमजोर स्थिति या अशुभ प्रभाव कोर्ट केस में तर्क-वितर्क और संवाद की कठिनाइयों का कारण बन सकता है।
- निवारण: बुध की शांति के लिए बुध मंत्र का जाप, हरे वस्त्र और पन्ना (एमराल्ड) रत्न धारण करना लाभकारी हो सकता है।
कुंडली दोष और उनके निवारण

कालसर्प दोष:
- प्रभाव: कालसर्प दोष के कारण कोर्ट केस में निरंतर बाधाएँ और देरी हो सकती है।
- निवारण: इसके निवारण के लिए नाग पंचमी पर नाग पूजा, महा मृत्युंजय मंत्र का जाप, और रुद्राभिषेक करना प्रभावी होता है।
पितृ दोष:
- प्रभाव: पितृ दोष के कारण व्यक्ति को कोर्ट केस में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- निवारण: पितृ दोष की शांति के लिए पितृ तर्पण, पिंडदान, और विशेष पूजा करना लाभकारी होता है।
शनि दोष:
- प्रभाव: शनि दोष के कारण कोर्ट केस में देरी और जटिलता का सामना करना पड़ सकता है।
- निवारण: शनि मंत्र का जाप, शनि की पूजा, और शनि अमावस्या पर दान करना लाभकारी होता है।
अन्य ज्योतिषीय उपाय
- वास्तु शांति:
- प्रभाव : घर या कार्यालय में वास्तु दोष होने से कोर्ट केस में समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
- निवारण : वास्तु दोष को दूर करने के लिए विशेषज्ञ की सलाह से उचित उपाय करने चाहिए। ज्योतिषी गणना के अनुसार मनोज साहू जी बताते है, सही दिशा और स्थान में बदलाव से कोर्ट केस में सफलता की संभावना बढ़ती है।
- रत्न धारण:
- प्रभाव: विभिन्न ग्रहों की शांति के लिए रत्न धारण करना लाभकारी हो सकता है।
- निवारण: जैसे कि शनि की शांति के लिए नीलम (ब्लू सफायर), राहु की शांति के लिए गोमेद (हसोनाइट), और मंगल की शांति के लिए मूंगा (कोरल) धारण करना लाभकारी होता है।
- मंत्र जाप:
- प्रभाव: विभिन्न ग्रहों के दोष निवारण के लिए उनके संबंधित मंत्रों का जाप करना अत्यंत प्रभावी होता है।
- निवारण: जैसे कि शनि मंत्र, राहु मंत्र, मंगल मंत्र आदि। मंत्र जाप से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, जिससे कोर्ट केस में सफलता की संभावना बढ़ती है।
- दान और सेवा:
- प्रभाव: धार्मिक ग्रंथों में दान और सेवा का विशेष महत्व बताया गया है। समय-समय पर अन्न, वस्त्र, धन, और शिक्षा का दान करना और गरीबों की सेवा करना ग्रह दोषों को शांत करने में मदद करता है।
- निवारण: इससे कोर्ट केस में सफलता की संभावना बढ़ती है।
कोर्ट केस का प्रभाव

- मानसिक तनाव: कोर्ट केस के कारण व्यक्ति को मानसिक तनाव और चिंता का सामना करना पड़ता है। यह न केवल उसकी मानसिक शांति को भंग करता है, बल्कि उसके निर्णय क्षमता को भी प्रभावित करता है।
- आर्थिक बोझ: कोर्ट केस के कारण व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वकीलों की फीस, कोर्ट फीस, और अन्य खर्चे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पर भारी पड़ सकते हैं।
- समय और ऊर्जा का नुकसान: कोर्ट केस के कारण व्यक्ति का बहुमूल्य समय और ऊर्जा बर्बाद होती है। इससे वह अपने अन्य महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान नहीं दे पाता और उसकी उत्पादकता में कमी आती है।
निष्कर्ष
ज्योतिषीय दृष्टि से कोर्ट केस के परिणाम में देरी और जटिलता के पीछे कई कारण हो सकते हैं। ग्रहों की अशुभ स्थिति, कुंडली दोष, और वास्तु दोष इन समस्याओं के प्रमुख कारण हो सकते हैं। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी, जो वेदिक ज्योतिष, और लाल किताब विशेषज्ञ हैं, के अनुसार, ज्योतिष शास्त्र में दिए गए उपायों को अपनाकर इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के मार्गदर्शन में, इन उपायों को अपनाकर कोर्ट केस में सफलता की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ज्योतिष शास्त्र एक मार्गदर्शन प्रदान करता है और इसे जीवन की समस्याओं के समाधान का एक हिस्सा मानना चाहिए, ना कि पूरी तरह से निर्भरता। कोर्ट केस में सफलता पाने के लिए मेहनत, सकारात्मक सोच, और सतत प्रयास के साथ ज्योतिषीय उपायों को अपनाना महत्वपूर्ण है।
ज्योतिषी साहू जी |
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